प्रीत रीत न जाने krishna
प्रीत रीत न जाने जन्म जनम न माने
आ बैठो इक पल संग लो रुठ रहे गिरधारी ।
मोह लीन्ही मोहे मोह मोहन की छवि प्यारी।
कासे मनाऊँ तोहे कैसे मैं मनाऊँ राधे पुकारू
कभी मुरली बजाऊँ मैं
तन के संग नाही चित्त मेरा भागे तू चितचोर
न यूँ ही कहावै कृष्णा।
कोई बने गोप तेरा कोई बने गोपी कोई मन मारे
बोले मैं हूँ तेरा जोगी।
जपत निरन्तर हे नाम तुम्हारा तृष्णा तृष्णा तब
नाम पुकारा जय कृष्णा।
जय कृष्णा जय कृष्णा
By sujata mishra
#girdhari #bhajan #कृष्णा #राधे #krishna #jay #sri #radhe #song #poem
आ बैठो इक पल संग लो रुठ रहे गिरधारी ।
मोह लीन्ही मोहे मोह मोहन की छवि प्यारी।
कासे मनाऊँ तोहे कैसे मैं मनाऊँ राधे पुकारू
कभी मुरली बजाऊँ मैं
तन के संग नाही चित्त मेरा भागे तू चितचोर
न यूँ ही कहावै कृष्णा।
कोई बने गोप तेरा कोई बने गोपी कोई मन मारे
बोले मैं हूँ तेरा जोगी।
जपत निरन्तर हे नाम तुम्हारा तृष्णा तृष्णा तब
नाम पुकारा जय कृष्णा।
जय कृष्णा जय कृष्णा
By sujata mishra
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