Hindu culture and sanskriti
हिन्दू संस्कृति एक गौरवशाली संस्कृति है।
हमारे घरों में जो हमारे पूर्वजों ने जो नीवं डाली थी उससे आजकल के बच्चे वंचित होते जा रहे है।
1 सुबह उठकर सबसे पहले अपने हाथों में ईश्वर के दर्शन करना। संस्कृत का श्लोक कराग्रे वस्ते लक्ष्मी कर मध्येसरस्वती करमूले तू गोविंदा प्रभाते कर दर्शनं।
2 फिर पृथिवी माँ को हाथ से स्पर्श करके ही पैरों को जमीन पर रखना।
3 सभी बड़ो का सुबह 2 आशीर्वाद लेना।
4 सुबह 4 बजे पढ़ना।
5 सुबह नित्यकर्म कर नहाना।
6 माँ के हाथों से बने नाश्ते को खाना।
7 स्कूल जाने पर सुबह प्रार्थना में
सरस्वती वंदना ।
शांति पाठ।
सभी लोगों द्वारा एक साथ सर्व मंगल कामना।
सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामयः
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु माँ कशचिद दुख भागभवेत।
8 अनुशासन से पढ़ाई
9 दोपहर में भोजन मन्त्र
10 पढ़ाई के साथ खेल कसरत
11 और घर लौटने के समय वंदना।
12 घर में बच्चों का इंतजार करती मां और उनका भोजन।
13 कुछ काम पढ़ाई कर आराम कर शाम को खेलना इतने सारे बच्चे टीम बड़ी हो गई बहुत।
14 बड़े लोग कुर्सी लगा कर बच्चों को खेलते देखते।
15 आपस में प्यार से बातें करते लोग
संस्कार देते लोग और आज क्या दे रहे है हम? शायद समय नही किसी के पास समय को ठीक से जीने का।
जो पास है उसका मूल्य नही जिसकी जरूरत भी नही वही अमूल्य है।
By sujata mishra
#hindu #sarswati #vandana #shanti #path #worship #pray #culture #learn #remember
हमारे घरों में जो हमारे पूर्वजों ने जो नीवं डाली थी उससे आजकल के बच्चे वंचित होते जा रहे है।
1 सुबह उठकर सबसे पहले अपने हाथों में ईश्वर के दर्शन करना। संस्कृत का श्लोक कराग्रे वस्ते लक्ष्मी कर मध्येसरस्वती करमूले तू गोविंदा प्रभाते कर दर्शनं।
2 फिर पृथिवी माँ को हाथ से स्पर्श करके ही पैरों को जमीन पर रखना।
3 सभी बड़ो का सुबह 2 आशीर्वाद लेना।
4 सुबह 4 बजे पढ़ना।
5 सुबह नित्यकर्म कर नहाना।
6 माँ के हाथों से बने नाश्ते को खाना।
7 स्कूल जाने पर सुबह प्रार्थना में
सरस्वती वंदना ।
शांति पाठ।
सभी लोगों द्वारा एक साथ सर्व मंगल कामना।
सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामयः
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु माँ कशचिद दुख भागभवेत।
8 अनुशासन से पढ़ाई
9 दोपहर में भोजन मन्त्र
10 पढ़ाई के साथ खेल कसरत
11 और घर लौटने के समय वंदना।
12 घर में बच्चों का इंतजार करती मां और उनका भोजन।
13 कुछ काम पढ़ाई कर आराम कर शाम को खेलना इतने सारे बच्चे टीम बड़ी हो गई बहुत।
14 बड़े लोग कुर्सी लगा कर बच्चों को खेलते देखते।
15 आपस में प्यार से बातें करते लोग
संस्कार देते लोग और आज क्या दे रहे है हम? शायद समय नही किसी के पास समय को ठीक से जीने का।
जो पास है उसका मूल्य नही जिसकी जरूरत भी नही वही अमूल्य है।
By sujata mishra
#hindu #sarswati #vandana #shanti #path #worship #pray #culture #learn #remember
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