King Parikshit and Kaliyug story
एक बार राजा परीक्षित दिग्विजय पर निकले तो देखा एक बैल एक पैर से चल रहा था और एक दुर्बल गाय को दोनों को कलियुग शूद्र राजा बन कर मार रहा था।
इस विचित्र घटना को देख राजा परीक्षित ने कलियुग से पूछा कि यह अमानवीय कुकृत्य वह कैसे उनके राज्य में कर रहा है?
क्या उसको पता नही कि यह राज्य उनके परदादा अर्जुन का है?
उस समय कलियुग का प्रारंभ हो चुका था, कलियुग बैल अर्थात धर्म को कोड़े मारता और गाय अर्थात पृथिवी को लातों से मरता ही रहा।
राजा परीक्षित से यह सहन न हुआ और उन्होंने उस शुद्र से पूछा तुम निर्दयी राजा कौन हो। वेशभूषा से तो राजा लगते हो पर कर्म नीच के है।
तब उस शूद्र वेश राजा ने बताया कि मैं कलियुग हूँ।
और आने वाले समय में मेरा ही आधिपत्य होगा। धर्म सिर्फ एक पैर के सहारे ही चल सकेगा।
जबकि पृथ्वी नानाप्रकार के कुकर्मों से बोझिल होगी।
ये सब सुनकर राजा परीक्षित को क्रोध आया और उन्होंने कलियुग से युद्ध किया।
इस युद्ध में कलियुग परास्त हुआ। और राजा परीक्षित ने उसे परास्त कर उसे अपने राज्य से भगा दिया।
जब तक राजा परीक्षित का राज्य था तब तक कलियुग उनके राज्य में प्रवेश न कर पाया।
और धर्म आज भी एक पैर के सहारे पर टिका हुआ है। और पृथ्वी बोझिल हो सबका भार आज भी वहन करती है।
By sujata mishra
#Srimadbhagwat #source #shathamadhayay #bhagvat #श्रीमद्भागवत
Comments
Post a Comment
Thanks for your feed back we get you back