क्या करूँ क्या न करूँ Kya Karun with lyrics
क्या करूँ:
क्या करूँ क्या न करूँ, ये आपदा हरबार है इक तरफ़ है घर मेरा, इक तरफ़ गुरु का द्वार है ||
घर में मेरे हैं पिता, माता है बंधु और सखा
पर गुरु के चरण में ही, जी मेरा हरबार है
इक तरफ़ है घर मेरा, इक तरफ़ गुरु का द्वार है ||
क्या करूँ क्या न करूँ, ये आपदा हरबार है
इक तरफ़ है घर मेरा, इक तरफ़ गुरु का द्वार है ||
पजी करे मेरा, यहीं र मैं जीयूं, यहीं मरुँ
माँ के आँसू पर बुलाते, कैसी ये मंझधार है
इक तरफ़ है घर मेरा, इक तरफ़ गुरु का द्वार है ||
क्या करूँ क्या न करूँ, ये आपदा हरबार है
इक तरफ़ है घर मेरा, इक तरफ़ गुरु का द्वार है ||
कहे कवि अरे मूढ़ मत क्यूँ है तू यूँ उलझा रहा
जब गुरु है तेरे संग, तब क्या है घर क्या बार है
इक तरफ़ है घर मेरा, इक तरफ़ गुरु का द्वार है ||
क्या करूँ क्या न करूँ, ये आपदा हरबार है
इक तरफ़ है घर मेरा, इक तरफ़ गुरु का द्वार है ||
Comments
Post a Comment
Thanks for your feed back we get you back