Meri galtiyan

मेरी गलतियाँ मेरी हो किसी पर न परछाइयां पड़े।
जब समझदारियाँ हो मेरी सब तरफ बराबर रहे।
टूटे चाँद सा टुकड़ा हो उससे रौशन जहान कर ले।
पर झूठ की दीवार से बनी महल को न हम लेंगे।
लो कहते है ये ताकत कहाँ से मिली इतनी हमको।
हम कहते है वहां से जहां से राह न मिलती किसी को।
By sujata mishra
#poem #strength #you #me #hindi

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