आसमान में लोग बातें कर रहे है, बहुत परेशानी हो रही है। देवता बस अपने जान पहचान के लोगों की सुनते है। इतने लोग बढ़ गए है, जगह की कमी हो गई है। गर्मी बहुत ज्यादा लगती है। वायु देव इधर कम वायु देते है। सूर्य देव रौशनी अब पहले से कम दे रहे है। धरती पर क्या हाल है कुछ पता नही चल रहा। धरती पर थे तो आस्मां में क्या हो रहा है ये पता नही चलता। और अब यहाँ से धरती का। धरती पर चले जाए तो सुकून की जिंदिगी हो। यहाँ धरती पर लोग स्वर्ग के सपने देखते है। जहाँ है वहां ही स्वर्ग स्वयं बनाना होगा कोई पहल नही करेगा खुद बदलना होगा। हर जगह परेशानिया स्वर्ग स्वयं बनाना होगा। मैं तैयार हूँ और आप? By sujata mishra Like Show more reactions Co